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Cure Negative Emotions with Bach Flower Remedies – Inattention, Lack of Focus, Daydreaming

Inattention, Lack of Focus, Daydreaming

Inattention 👇 👇 👇

Lack of Focus 👇 👇 👇

Daydreaming 👇 👇 👇

👉Lack of focus, inattention and daydreaming can be balanced with the help of the Bach Flower Remedies. Parents have had great success with the Bach Flower Remedies when their children have a hard time focusing in school and teachers often are commenting that the child has become much calmer and focused after using the Bach Flower Remedies for only a short time.
👉When selecting the Bach Flower Remedies, look at each negative emotion and select the Bach Flower Remedy that removes it such as but not limited to:

💐Clematis: Helps when you daydream and have a hard time focusing on the task in front of you.
🌸Chestnut Bud: Helps when you keep forgetting what you have learned, it helps you remember.
🌷Walnut: Helps when you get easily distracted by noises, movements and commotion.
🍀Gentian: Helps when you get easily discouraged by small set backs.
🌹Vervain: Helps when you are overly excited and hyper, from over involvement in a subject or idea.
🌿Impatiens: Helps when you easily become impatient with the slowness of others.
🌻Elm: Helps when you easily get overwhelmed by homework, things you need to do and responsibilities.
🌺Larch: Helps you regain self-esteem.

👉Please also note that some children have adverse reactions to artificial food colorings, milk, chocolate and over processed foods. Healthy diet of whole grains, vegetables and fruits is important for healthy brain functions.

Source : http://www.bachflower.com/cure-negative-emotions-bach-flower-remedies/#q15

Mind Map of Cherry Plum

CHERRY PLUM [Cher-p]

  1. शारीरिक और भावात्मक आवेशों पर नियंत्रण का अभाव (Fear of losing one’s mind )
  2. क्रोध और आवेश की स्थिति में अशोभनीय हरकतें , स्वयं से भय ( Fear of loss of control , uncontrolled outbreaks of temper , feels he will become mad )
  3. मानसिक आवेग पागलपन तक

Desperation. Fear of losing his mind’s control over his actions. Can do anything, even kill somebody or kill himself at the spur of the moment, without thinking.

Unbearable condition of the mind. Apt to act on impulse than on reason.

BOTANICAL NAME: Prunus cerasifera

KEYNOTES
: -People losing their self-control on heading for a breakdown. Desperate, about to have a nervous breakdown.

-Fear of doing something terrible at any moment (something one would never normally do) and then having to regret for it for the rest of one’s life.

-Afraid one is going mad.

-Compulsive ideas, de
outbreaks of rage.

-Destructive impulses, danger of suicide.

-Useful in the treatment of bedwetting in children (self- control of daytime released during sleep, when there is no conscious body control).

-Useful for rehabilitation of drug addicts.

बैच फ़्लावर रेमेडी – एक संक्षिप्त परिचय

The Journey to simple Healing – Bach Flower Remedies Part 1

The Journey to simple Healing – Bach Flower Remedies Part 2

The Journey to simple Healing – Bach Flower Remedies Part 3

बैच फ़्लावर पर  वीडियो : साभार नेलसन रेमेडीज

दरअसल इस पोस्ट को बैच फ़्लावर की पोस्ट को लिखते समय  क्रमनुसार सबसे पहली पोस्ट के रुप मे  डालना चाहिये था लेकिन  पिछ्ले वर्ष  भवाली और मुक्तशेवर जाते समय भवाली में चेस्ट्नेट ने  होम्योपैथिक और बैच फ़्लावर मे  प्रयोगों  का  स्मरण दिला दिया । वह बैच फ़्लावर पर पहली पोस्ट थी । दूसरॊ पाइन , तीसरी वाइन और वैरवाइन और  पिछ्ली पोस्ट  रेसक्यू  रेमेडी पर थी । बैच फ़्लावर को मै नियमित रुप से प्रयोग नहीं  करता हूँ लेकिन कुछ बैच फ़्लावर मेरी पंसदीदा दवाओं मे से हैं । यह पोस्ट उन्ही अनुभवों का संकलन था ।

रेसक्यू रेमेडी के संबध में कई होम्योपैथिक चिकित्सकॊ ने बैच फ़्लावर दवाओं के  प्रयोग की विधि , डॊसेज और रीपीटीशन पर प्रशन किये हैं । होम्योपैथिक पाठयक्रम मे बैच फ़्लावर नही पढाई जाती । यह एक स्वभाविक सा प्रशन है और उत्सुकता भी ।

डा, इडवर्ड बैच इन बैच  फ़्लावर दवाओं के जनक हैं । डां बैच की मेडिकल  यात्रा एक ऐलोपैथिक चिकित्सक से हुई । डाँ. बैच  ने यूनिवर्सिटी कालेज हास्पिटल, लंदन से मेडिकल  डिग्रियाँ प्राप्त कीं। पहले उक्त संस्थान में ये आपात चिकित्साधिकारी रहे, तत्पश्चात् जीवाणु विज्ञानी। इसके बाद होम्योपैथिक का अध्यन्न और प्रैकिटिस शुरु की । रायल होम्योपैथिक कालेज लन्दन से वह लम्बे समय तक जुडॆ रहे । एक जीवाणु विज्ञानी के रुप मे होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका को उन्होने बौवल नोसोडॊस से समृद्ध किया । लेकिन होम्योपैथिक पद्दति में उनका मन औषधि सेलेकशन मे आ रही कठिनाईयों के कारण रास न आया । प्रकृति प्रेमी डा. बैच का ध्यान वापस प्रकृति मे विधमान साधनों पर गया । उन्होनें देखा कि कैसे जंगलों और पहाडॊं पर रहने वाले लोग बिना दवाई के स्वस्थ रहते हैं । जंगली पक्षी या जानवर कैसे फ़ूलॊ और जडी बूटियों से ही अपने आप को स्वस्थ कर लेते हैं । किस प्रकार प्रकृति मे अलग २ पौधे प्राकृतिक घटनाओं के बावजूद अपने आप को सुरक्षित रखते हैं और फ़लते फ़ूलते हैं । सन १९३० से सन १९३६ तक का सफ़र डा. बैच का इंग्लैडं के जंगलों मे एक घुमक्कड के रुप मे बीता । इन छ: साल मे जंगलॊ और पहाडॊं पर घूमते हुये उन्होनें अनेक पुष्प  इक्कठ्ठे किये और उन पुष्पों  से ३८ दवाइयाँ बनाई जिनको “ बैच फ़्लावर रेमेडिज “  के नाम से जाना जाता है

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डा. बैच के अनुसार “ मनुष्य का शारिरिक दुख मानसिक रोग का संकेत देता है । ” डां बैच ने  बीस वर्षों के अनुसंधान एंव विभिन्न रोगियों के इलाज के दौरान इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सभी बीमारीयों की जड में हमारे नकारात्मक सोच होती है यदि इन नकारत्मक  सोच को सकारत्मक सोच मे बदल दिया जाय तो मनुष्य शारीरिक , मानसिक और भावत्मक रुप से सुखी जीवन जी सकता है । बैच फ़्लावर की ३८ दवायें मानवमात्र मे ३८ नकारात्मक सोचों का प्रतिनित्धत्व करती है ।

मानव मात्र मे ३८ नकारात्मक सोचों को को सात भागों में वर्गीकृत किया गया है । १. डर २. अनिशिचयता ३. वर्तमान मे अरुचि और भूत भविष्य में खोये रहना ४.अकेलापन ५. परिस्थतियों एव, दूसरे के विचारों से अत्याधिक प्रभावित होना ६. उदासी ७. अवसाद और निराशा

यही कारण है कि बैच फ़्लावर पद्दति से इलाज करते समय चिकित्सक को फ़्लावर दवाओं की मानसिक थीम  को रोगी मे ढूँढना पडता है । जैसे बैच फ़्लावर औषधि ’ पाइन ’ का विशेष लक्षण है , ’ self reproach ‘ यानि प्रत्येक गलती के लिये अपने को दोषी ठहराना ,यह ’ guilt complex ‘ या उनमें व्याप्त दोष भाव इतना अध्हिक प्रबल होता है कि वे किसी भी कुदरती घटना के लिये भी अपने को दोषी मानते हैं    । केस को समझने  के लिये देखे यहाँ ।  बैच फ़्लावर दवाओं  के लिये बीमारी  का नाम कोई मायने नही रखता ।  Acne vulgaris ( मुहाँसे ) से पीडित युवक/युवती के लिये क्रैब ऐपल उपयोगी चुनाव हो सकता है बर्शते अगर रोगी की मानसिक अवस्था उसको सहन करने की बिल्कुल न हो । स्क्लेरान्थस का हाल का ही केस मुझे स्मरण है , रोगी eczema ( अकोते ) से पीडित था और उससे उत्पन्न होने वाली खारिश रोगी को बैचेन कर देती थी । खारिश एक स्थान पर टिकती  भी न थी , एक जगह बदल कर दूसरी जगह  पर । स्क्लेरान्थस की कुछ ही खुराखों से उसे  खारिश से आराम मिला । बाकी का काम होम्योपैथिक  Constitutional दवा ने कर दिया ।

मानसिक लक्षणॊं को ध्यान मे रखते हुये फ़्लावर दवाओं का उपयोग सभी प्रकार के शारीरिक , मानसिक और मनोकायिक (psychosomatic diseases )  रोगों मे प्रभावी हुआ है विशेष कर मानसिक रोगॊ मे यह पद्दति प्रभावी सिद्ध हो सकती  है ।

होम्योपैथी और बैच फ़्लावर दवाओं मे कुछ समानतायें भी है । जैसे दोनों पद्द्ति मानसिक लक्षणॊं को प्राथमिकता देती हैं , दोनों मे सारे मानव को एक ईकाई मानकर ईलाज किया जाता है । लेकिन जहाँ बैच फ़्लावर सिर्फ़ मानसिक लक्षणॊं को आधार मानती है वहाँ होम्योपैथी मानसिक और शारिरिक दोनों को ही प्राथमिकता देती है । डाइनामेजेशन और प्रूविगं का बैच फ़्लावर मे कोई स्थान नही है ।

डॉ बाक द्वारा आविष्कृत फ्लावर रेमिडिज निम्म हैं :

एग्रीमोनी, आस्पेन, बीच, सेन्टौरी, सिराटो, चेरी प्लस, चेस्टनट बड,चिकोरी, क्लेमाटिस, क्रैब एपल, एल्म, जेन्शियन, गॉर्स, हीदर,होल्ली, हनीसकु, हार्नबीम, इम्पेशेंस, लार्च, मिम्युलस, मस्टर्ड, ओक, ओलिव, पाइन, रेड चेस्टनट, राक रोज, राक वाटर, स्क्लेरान्थस, स्टार आफ बेथलहम, स्वीट चेस्टनेट, वरवेन, वाइन,वालनट, वाटर वायलेट, व्हाइट चेस्टनट, वाइल्ड ओट, वाइल्ड रोज और विल्लो।

डोसेज और रीपीटीशन

  • एक्यूट रोगों में बैच फ़्लावर दवाओं को १५-२ मिनट के अन्तर पर या उससे अधिक जल्दी –२ दे सकते हैं लेकिन एक बार आराम मिलने पर दिन मे तीन बार ।
  • दवा को सीधे पानी मे डलकर या ग्लोबियूलूस मे डालकर भी प्रयोग कर सकते है ।
  • बैच फ़्लावर दवाओं की कोई पोटेन्सी नही होती , ड्र्ग एक्ट मे शायद प्रावधानों को देखते हुये दवा निर्माताओं को बैच फ़्लावर दवाओं के आगे ३० इंगित करना पड्ता है ।

बैच फ़्लावर दवाओं के बारे में कुछ और तथ्य :

  • बैच फ़्लावर दवाओं को होम्योपैथिक या अन्य दवाओं के साथ बिना रोक टोक के चला सकते हैं । यह दवायें होम्योपैथिक दवाओं को complement करती हैं । ये न तो दूसरी दवाओं के कार्य में दखल देती हैं और न ही अन्य दवाएँ इनकी क्रिया को प्रभावित करती हैं।
  • फ़्लावर दवाओं की  एक से अधिक दवायें  सुविधानुसार काम्बीनेशन कर के प्रयोग कर सकते हैं । होम्योपैथिक दवाओं की तरह बैच फ़्लावर में दवा सेलेकशन का झमेला कम ही रहता है ।
  • primary aggravation की संभावना फ़्लावर दवाओं मे नही होती इसलिये इसका प्रयोग बच्चे, बूढ़े, स्त्री, पुरूष हर प्रकार के लोगों की प्रत्येक अवस्था में किया जा सकता है ।

बौवल नोसोडस ( Bowel Nosodes )

बौवल नोसोडस ( Bowel Nosodes ) का चलन होम्योपैथी मे कम ही है , शायद इसकी उपलब्धता सहज ही होम्योपैथिक स्टोरों मे न होने की वजह से ही ; बिल्कुल ठीक वैसे ही जैसे कि बैच फ़्लावर औषधियों का प्रिसक्रिप्शन देख कर  अक्सर स्टॊर वाले ऐलोपैथिक औषधि कह कर टाल जाते हैं । वैसे उनको भी दोष देना उचित नही लगता , जहाँ तक मुझे याद है कि B.H.M.S. के पाठयक्रम में   बैच फ़्लावर औषधियों और बौवल नोसोडस का समावेश नही हैं , बैच फ़्लावर का प्रयोग मैने शुरु मे डां जयश्री जोशी और बाद मे अपने शहर लखनऊ से ही मित्र डां अभिषेक जैन के सफ़ल परिणामों को देखते हुये किया और यह कहना गलत न होगा कि कुछ जगह तो उनके परिणाम बहुत ही आशचर्य चकित करने वाले दिखते हैं ।

लेकिन बौवल नोसोडस की मुझे क्यों याद आई ! दरअसल शायद ४-५ दिन पूर्व आइरिश स्कूल आफ़ होम्योपैथी के एक सदस्य मार्क ओ सूलवियन ने बौवल नोसोडस पर किये प्रोजेक्ट को आइरिश ग्रुप आफ़ होम्योपैथैस मे डाला । ग्रुप के moderator  ने अन्य सदस्यों से अनुरोध किया कि अपने कम्पयूटर की हार्ड डिस्क को खंगालें और होम्योपैथी से जुडी अपने-२  अध्यापन कार्य  को सार्वजनिक करें ; एक अच्छा  सुझाव ! अन्य कई साईट पर अपने-२ गुणगानों को देखते-सुनते तबियत ऊबने सी लगी थी ।

बौवल नोसोडस से संबधित होम्योपैथिक औषधियों को लाने का श्रेय डां ईडवर्ड बैच को सर्वप्रथम रहा और बाद मे डां पैटर्सन और उनकी पत्नी ने बैच के अधूरे काम को आगे बढाया । बौवल नोसोडस से संबधित होम्योपैथिक औषधियाँ human intestinal flora के non fermenting lactose bacteria से बनाई जाती हैं , बैच ने पाया कि ऐसे non fermenting lactose bacteria की तादाद स्वस्थ मनुष्य की अपेक्षा रोगी के मल मे अधिक पायी जाती है । अब तक इन बैक्टैरिया को हानिकारक नही माना जाता रहा है , बैच ने इन बैक्टैरिया को पोटेन्टाइज करके अलग-२ औषधियाँ बनाई और उनकी drug proving  की ।

बोवेल नोसोडस से तैयार औषधियाँ कई हैं लेकिन जो आमतौर से प्रयोग आती रही हैं , वह निम्म हैं :

१. Morgan Pure

२. Morgan Gaertner

३. Gaertner

४. Proteus

५. Dysentry Co.

मार्क सूलिवयन ने free mind mapping software का प्रयोग करते हुये बौवेल नोसोडस के लक्षणॊं का खूबसूरत चित्रण किया है जैसे नीचे देखें  morgan pure का mind map:( mind map को साफ़ देखने के लिये नीचे चित्र पर किल्क करें )

मार्क सूलिवयन के इस प्रोजेक्ट को डाऊन्लोड करने के लिये नीचे दिये चित्र पर किल्क करें :

bowel nosodes