हैनिमैन ने होम्योपैथी के सिदातों को प्रतिपादित करते समय कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को हमेशा ध्यान मे रखने के लिये कहा , देखें यहाँ । इनमे से एक नियम रोगियों को एक समय मे एक ही दवा देने [ एकमेव औषधि ( Single Medicine )]का निर्देश दिया गया है; हैनिमैन के समय से ही बोनिगहसन और कालान्तर मे अन्य होम्योपैथिक चिकित्सकों ने इसके विरोध मे अपने स्वर मुखरित किये । आज भारत और विशव के अन्य भागों मे कई होम्योपैथिक दवा निर्माता अपने-२ अलग-२ काम्बीनेशन बनाते दिख सकते हैं । हैनिमैन ने पाया कि हर दवा अपने मूल स्वरुप मे दूसरी दवाओं के साथ संबध बना के रखती है। कई होम्योपैथिक दवायें एक दूसरे को complemnt या antidote भी कर सकती है या फ़िर रोगी को गंभीर रुप से हानि भी पहुँचा सकती हैं जिन्हें Inimical कहा जाता है । अधिकतर दवा निर्माता काम्बीनेशन बनाते वक्त इस का ध्यान बिल्कुल भी नही रखते । एक ऐसे ही जरमनी की कम्पनी डा. रेक्गवेग ( Dr Reckweg ) का काम्बीनेशन R 23 किसी भी होम्योपैथिक स्टॊर मे सहज ही मिल सकता है । R23 को यह निर्माता त्वचा संबधी रोगों मे प्रयोग करने की सलाह देते हैं । जरा इस दवा के काम्बीनेशन पर नजर देखें :
Active ingredients: Apis mellifica (Honeybee) 30X
Arsenicum album (Arsenous oxide) 30X
Rhus toxicodendron (Poison oak) 30X
Sulphur (Sublimated sulfer) 30X
Inactive ingredients: 38 vol.-% alcohol, distilled water.
इस काम्बीनेशन मे अगर गौर करें कि Apis Mel और Rhus Tox एक दूसरे की Inimical हैं और इनका प्रयोग रोगी को गंभीर रुप से नुकसान पहुँचा सकता है । देखें नीचे चित्र , ( साफ़ देखने के लिये चित्र पर किल्क करें )
अपने देश मे भी इसी काम्बीनेशन के आधार पर कई निर्माता यही तैयार करते हैं । सरकारी तंत्र से जुडे होम्योपैथिक अधिकारी इसे किस रुप मे इनको इजाजत देते हैं यह एक अनसुलझी पहेली है ।