LEARN THE ANCESTRAL DIFFERENCES BETWEEN BACILLINUM AND TUBERCULINUM by DR SAPTARSHI BANERJEA

अधिकाशं होम्योपैथिक कालेज का अध्ययापन का स्तर या तो बहुत मामूली है या बहुत खराब । कुछ अपवादों को छोड दे तो अधिकाशं कालेज निम्मस्तर पढाई के लिये ही याद किये जा सक्ते हैं । लाकडाऊन में एक बदलाव जो देखने मे आया कि अब सेमिनार की जगह वेबीनार ने ले ली है । और जाहिर है इसके साथ जो प्रतिभाये सामनॆ आयी है , वह काबिलॆ तारिफ़ हैं । आन लाइन पढाई को अगर होम्योपैथिक कालॆजों मे जगह दी जाय तो शिक्षको की कमी भी दूर की जा सकती है और साथ ही मे अध्ययापन के स्तर को भी बहुत अच्छा किया जा सकता है ।

उदाहरण के लिये Bacillinum  और Tuberculinum के मध्य अन्तर को  डा . सप्तऋषि बैनेर्जी ने समझाया , उसका अन्दाज ही अलग है ।

 

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